रविवार 8 जून 2025 - 17:02
विलायत को स्वीकार करना इंसान की ज़िंदगी का बीमा है।

हौज़ा / हरम ए हज़रत मासूमा स.ल.के खातिब ने इलाही विलायत को स्वीकार करने को दुनिया और आखिरत में इंसान की ज़िंदगी का बीमा बताया और कहा कि बीमा एक अक़्ली चीज़ है और जो इलाही बीमा का अनुबंध स्वीकार कर लेता है वह कभी भी गुमराही और पतन का शिकार नहीं होगा और अपने इंसानी मर्तबे को मौत तक बरकरार रखेगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद मेंहदी मांदगारी ने हरम ए मासूमा स.ल. में एक मार्फती मजलिस में कहा,सभी लोग बीमा उद्योग से परिचित हैं। बीमा के कुछ फायदे होते हैं और कुछ खर्चे भी होते हैं। जो कोई भी अपनी संपत्ति का बीमा करवाना चाहता है, वह विशेष नियमों और शर्तों के तहत बीमा अनुबंध करता है। 

उन्होंने कहा,अल्लाह तआला अपनी मखलूकात के लिए एक विशेष बीमा रखता है। हदीस-ए-कुद्सी के अनुसार, हज़रत अली (अ.स.) की विलायत अल्लाह का मजबूत किला है, और जो भी इस मजबूत इलाही किले में प्रवेश कर जाता है वह अल्लाह के अज़ाब से सुरक्षित रहता है।

मांदगारी ने कहा,जो कोई भी इलाही बीमा के अंतर्गत आ जाता है और इसकी शर्तों को स्वीकार कर लेता है, वह इस बीमा के फायदों से लाभान्वित होगा।

हरम के वक्ता ने ज़ोर देकर कहा,जो कोई इलाही बीमा के अंतर्गत आ जाता है, वह युद्ध के मैदान में भी कभी घबराहट का शिकार नहीं होगा और हमेशा मुश्किलात और परेशानियों के बीच भी पूरी ताकत के साथ अपने रास्ते पर चलता रहेगा।

मांदगारी ने याद दिलाया,अहले बैत अ.स.और सालेहीन का तरीक़ा इस बात की स्पष्ट मिसाल है, जो इतिहास में घटित हुआ है। 

उन्होंने कहा,इलाही बीमा का एक और फायदा यह है कि इंसान कभी भी गुमराही और पतन का शिकार नहीं होगा और मौत तक अपने इंसानी मर्तबे को बरकरार रखेगा। 

करामात बानो के हरम के वक्ता ने आगे कहा, विलायत रखना अल्लाह का बीमा है, और एक अक़्लमंद इंसान को अपनी दुनियावी और उख़रवी ज़िंदगी का बीमा करवाना चाहिए।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा,ऐसे बीमे को हासिल करने के लिए हमें इसकी कीमत चुकानी होगी। पहली कीमत यह है कि हमें सही और सटीक पता और अनुबंध बीमा करने वाले से प्राप्त करना होगा और अपनी समझ को विलायत के साथ मिलाना होगा।

मांदगारी ने कहा,कोई भी कानून बनाने वाला जिसके पास अपने कार्यों के लिए शरई अनुमति नहीं है और जिसका अमल इलाही कानूनों के मुताबिक नहीं है वह वास्तव में इलाही बीमा प्राप्त नहीं करता है।

उन्होंने याद दिलाया,सभी सरकारी अधिकारी, कानून निर्माता, गवर्नर, मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, बैंक और सरकार में जिम्मेदारी रखने वाले सभी लोगों को चाहिए कि वे अपने कार्यों को इलाही कानूनों के मुताबिक करें ताकि वे इलाही बीमा के अंतर्गत आ सकें।

हरम के वक्ता ने कहा,हज़रत मूसा अ.स. और हज़रत इब्राहीम (अ.स.) ने खुद को अल्लाह की विलायत में रखा था, इसलिए वे इलाही बीमा के अंतर्गत थे, जिसकी वजह से वे नील नदी को पार कर गए और आग से सुरक्षित रहे।

मांदगारी ने अंत में कहा,कुरान की आयतों के अनुसार, इलाही बीमा प्राप्त करने के लिए हमें जो अन्य कीमतें चुकानी होंगी उनमें से एक यह है कि हमें अल्लाह, रसूल अल्लाह स.अ.व.और अहले बैत (अ.स.) के आदेशों का पालन करना होगा।

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